Aura
Human aura energy .
हमारे बॉडी के चारो ओर फैली हुई मानवीय ऊर्जा
है जो की 5 उर्जा क्षेत्र को मिलाकर बनती है. cleansing your aura energy की जरुरत क्यों पड़ती है और कब हम इसका प्रयोग remove negative energies में कर सकते है.
mental cleansing को Energy medicine practitioners
ये तो हम सभी जानते है की हमारे औरा का कलर हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करता है मगर हम खुद औरा के निर्माण और उसको नियंत्रित भी कर सकते है. हम अपने व्यव्हार द्वारा भी हमारे औरा के निर्माण को कण्ट्रोल कर सकते है.
हमारा हदय और हमारा मस्तिष्क दोनों मिल कर human aura energy field को निर्धारित करते है. सभी के पास सोचने की क्षमता होती है सबके पास दिमाग होता है लेकिन उसे सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाये ताकि हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठा सके. हमारा हृदय भी सभी महत्वपूर्ण काम करता है. हमारा दिल भावनाओ और विचार को सही तरीके से हमें अवगत करवाता है. इसके द्वारा हम अच्छी जिंदगी जीते है.
हमारा शरीर 5 तरह के लेयर से घिरा हुआ रहता है जिसे Human energy field कहते है.
सबसे पहले हमारा शरीर आता है जो की ठोस है, इसका वजन होता है और इसे महसूस किया जा सकता है.
इसके बाद की जो 4 लेयर आती है उन्हें हम देख नहीं सकते ना ही छू सकते है इन्हें Human aura energy field कहते है.
माना जाता है की इन 4 लेयर में ही हमारा emotional, mental, spiritual and physical characteristic स्टोर रहता है.
ये balance or out of balance दोनों ही state में हो सकते है यही वजह है की energy medicine practitioners believe करते है की जब एक इन्सान बीमार पड़ता है तो सिर्फ physical body का ही इलाज करना काफी नहीं होता है.
उसके बाकि चार लेयर का भी सही उपचार होना चाहिए. यही पर एक नयी मंत्र साधना विचारधारा का जन्म हुआ जिसे हम शिवाका कहते है.
ये एक spiritual practice है जो आपके aura cleansing की process पर वर्क करती है.
How to Detect Human Energy Fields किसी भी human energy field को detect करने के लिए व्यक्ति विशेष में clairvoyant ability होना बेहद जरुरी है.
अगर किसी व्यक्ति में ये खास विशेषता होती है तो वो दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी परत को महसूस कर सकता है.
ऐसे व्यक्ति के लिए ये फील्ड एक जीवंत उर्जा का रूप है जिनमे धड़कन की तरह उतार चढ़ाव होता है. लेकिन ऐसा हमेशा हो ये जरुरी नहीं क्यों की इन्हें हम third eye visualization के जरिये देख पाए ऐसा हमेशा जरुरी नहीं होता है.
हमारे characteristic को छिपाने में ये माहिर होती है. आइये बात करते है हमारे औरा क्षेत्र से निकलने वाली अलग अलग उर्जा के बारे में. physical energy हमारे शरीर का वो हिस्सा जिसमे एक स्वरूप है भौतिक शरीर कहलाता है और इसकी उर्जा का स्वरूप इसे भौतिक उर्जा.
हम जो भी ग्रहण करते है वो एक उर्जा में बदलता है और इस उर्जा को Physical energy कहते है. ये सभी सांसारिक कार्यो की पूर्ति में सहायक है. Etheric energy भौतिक शरीर से एक इंच की उंचाई तक पर एक लेयर होती है जिसे Etheric body or energy के नाम से जाना जाता है. इसकी उत्पति ईथर वर्ड से हुई है और Energy medicine practitioners इसे sense करते हुए इसके बारे में बताते है.
ये एक मकड़ी के जाल की तरह है और इसे स्ट्रेच किया जा सकता है. इसका रंग ग्रे या ग्रे ब्लू कलर है जिसका महत्त्व भौतिक शरीर के लिए होलोग्राफ की तरह काम करना है. emotional energy human energy field के तीसरे नंबर की लेयर जिसमे हमारे इमोशन और भय छिपे हुए रहते है.
जब भी हम भावनातमक रूप से अस्थिर हो जाते है इस एनर्जी फील्ड को तेजी से बनते बिगड़ते हुए महसूस किया जा सकता है.
दुसरे शब्दों में कहे तो जब भी हम भावनातमक रूप से कमजोर होते है इस लेयर में अस्थिरता आ जाती है. mental energy मेंटल एनर्जी वो लेयर है जिसमे हमारे आईडिया स्टोर रहते है. हमारा विश्वास तंत्र इसी लेयर में स्टोर रहता है. यही वो जगह है जहाँ पर हमारे राज छिपाते है.
spiritual energy
ये आखिरी लेयर है जिसमे हमारी चेतना वास करती है. हमारी चेतना को universal unconscious से जोड़े रखने वाली यही लेयर है जिसके साथ हमारा औरा क्षेत्र पूर्ण होता है. विज्ञान और आध्यात्म के बिच विरोधाभास विज्ञान और अध्यात्म को मानने वालो में हमेशा एक बात को लेकर विरोधाभास देखने को मिलता है की हमारा मस्तिष्क जो सोचता है वो महत्वपूर्ण है या फिर वो जो हमारा दिल कहता है. इसलिए इस बात को लेकर हमारे अंदर हमेशा अंतरद्वंद रहता है की हमारी thought ज्यादा powerful है या फिर हमारी feeling.
हमें हमारे mind की सुनना चाहिए या फिर heart की voice को. ये दोनों आग और पानी की तरह है जिन्हें मिलाना यथासंभव impossible लगता है. अगर आग ज्यादा हुई तो पानी हवा बन जायेगा और अगर पानी ज्यादा हुआ तो आग बुझ जाएगी.
ठीक इसी तरह अगर भावनाओ में बह जाये तो तर्क ख़त्म हो जायेंगे और अगर ज्यादा महत्त्व तर्क और विचारो को दिया जाये तो भावनाए काम नहीं करेगी. लेकिन अगर इन दोनों के बीच सामंजस्य बैठा दे तो काम को पूरा करने में इन शक्ति का इस्तेमाल बेहतर कर सकेंगे.
अगर आप भी सोच रहे है की
Human auras and energy fields
को balance कैसे किया जा सकता है तो इसके सभी संभव तरीके आपको जानने होंगे. मानव मस्तिष्क या दिल कौन ज्यादा महत्वपूर्ण वैज्ञानिक हमेशा मानव मस्तिष्क को ज्यादा तवज्जो ज्यादा महत्वपूर्ण मानता है क्यों की उनके अनुसार मानव मस्तिष्क सरंचना, मानव ह्रदय से ज्यादा जटिल है. मानव मस्तिष्क का सबसे महत्वपूर्ण काम सूचनाओ का वातावरण में आदान-प्रदान करना होता है. मानव मस्तिष्क ही हमें बताता है की वातावरण में क्या हो रहा है. जैसे की पक्षी चहकते है फलो का स्वाद कैसा है. मानव मस्तिष्क सूचनाओ के आदान-प्रदान के लिए शब्दो का इस्तेमाल करता है. इसके अलावा ये हमारे शरीर की हरकत को भी कंट्रोल करता है. कभी कभी आपने महसूस किया होगा की मस्तिष्क को हम किसी शक्ति से अवगत करवाते है और वो मुश्किल काम को आसान कर देता है.
human energy field aura आपकी इन्ही सभी शक्तियों को स्टोर करता है. मानव मस्तिष्क के अलावा दूसरा महत्वपूर्ण अंग हमारा दिल है जिसका काम खून को पुरे शरीर में पहुँचाना है।
हमारा दिल अपने पूरी जिंदगी में बिना रुके सतत काम करता है. एक तरफ जहा हमारा मस्तिष्क जटिल फैसले लेता है वही हमारा दिल उन हिस्सो में ज्यादा खून पहुंचाता है जहा अतिरिक्त शक्ति की जरुरत पड़ती है. मानव मस्तिष्क इंसानी शरीर की जटिल सरंचना जब हमारा मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है. तब भी कुछ सेकंड के लिए हमारा दिल धड़कता है. और अगर हमारा दिल धड़कना बंद कर दे तो हम 5 मिनट तक इसे दोबारा चालू कर सकते है.
ये अध्ययन हमें ये बताता है की हमारा मस्तिष्क ज्यादा महत्वपूर्ण है. हमारा दिल हमें भावनाओ से जोड़े रखता है जो दुनिया से हमें अवगत करवा सके. हमारी भावनाए कुछ भी हो सकती है जैसे हमारा अच्छा आचरण या फिर किसी का ख्याल रखना. इसके अलावा प्यार से जुड़ी भावनाए दिल में ही पनपती है. आध्यात्म के पथ पर विश्वास और प्रेम को ज्यादा महत्व दिया जाता है. दिल की दिमाग से ज्यादा सुनी जाती है. खैर ये तो किसी एक को ज्यादा महत्व देना है जो आध्यात्म में हमें आत्मज्ञान की अवस्था में पहुंचता है. लेकिन दिल और दिमाग के बीच संतुलन हमारे आध्यात्मिक विकास के लिए जरुरी है. जब दोनों अंग हमारे लिए फायदेमंद है तो फिर उनके बिच ये विरोधाभास क्यों. क्या इन दोनों के बिच संतुलन हमें विकसित अवस्था में लाता है. हमारा दिल और दिमाग दोनों मिलकर काम करते है जो हमें जीवन के अनुभव करवाता है. human energy field a magnetic vibration energy
अध्ययन हमें ये बताते है की हमारा मस्तिष्क और दिल कैसे एक दूसरे से प्रतिक्रिया करके ऊर्जा और सुचना का क्षेत्र बनाते है. ये वास्तव में हर जगह लागु नहीं हो सकता है लेकिन फिर भी ये हमें बताता है की ये दोनों ऊर्जा और सुचना को विस्तार देती है जो हमें उच्च स्तर की समझ विकसित करती है. इसके लिए हमें मानव शरीर को एक विद्युत्-चुम्बकीय क्षेत्र तरंगो को देखना समझना होगा. इसमें हम पाएंगे की सबसे ज्यादा जटिल तरंगे हमारे मस्तिष्क की है जो सूचनाओ को पकड़ता है और उसे ऊर्जा में बदलता है. इसके साथ ही साथ हमारा हृदय एक शक्तिशाली जनरेटर की तरह कार्य करता है जो एक ऐसे वातावरण को तैयार करता है जो आवश्यक सूचनाओ को अग्रेसित करता है. “मानव मस्तिष्क समय को जगह में बदलता है.” -नतालिया बेखतरवा मानव मस्तिष्क के अलग अलग हिस्से अलग-अलग कार्य के लिए जिम्मेदार है. जब मानव मस्तिष्क वातावरण से सूचनाए प्राप्त करता है. इन्हें वो ऊर्जा में बदल देता है और सम्पूर्ण शरीर में भेज देता है. हमारे चक्र हमारे शरीर में औरा ऊर्जा के क्षेत्र का निर्माण करते है. हमारा ह्रदय और हृदय चक्र औरा ऊर्जा के चारो ओर भावनात्मक कवच का निर्माण करती है. ये भावनात्मक कवच ही कॉस्मिक तरंगो की मात्रा को निर्धारित करता है जो मस्तिष्क द्वारा ग्रहण की जाती है.
human energy field aura ये भावनात्मक कवच हमारे सहस्रार चक्र की जगह पर magnifying lens की तरह काम करता है.
जो सूचनाओ को घनीभूत कर देता है जिससे मस्तिष्क उन पर काम कर सके. इन सबके लिए हमारा हृदय अनाहत चक्र भावनात्मक कवच को शक्ति प्रदान करता है. भावनात्मक कवच को शक्तिशाली बनाने का तरीका इस कवच को मजबूत बनाने का सिर्फ एक ही तरीका है जितनी मजबूत हमारी भावनाये होगी कवच उतना ही शक्तिशाली बनेगा.
ये तभी सम्भव है जब हम अपने धर्म शिव धर्म के प्रति इमानदार रहते है. और जिंदगी के प्रति positive रहते है.
ये हमें बीमार होने से भी रोकती है. जितना बड़ा कवच होगा उतनी ही universal cosmic energy हमें मिलती रहेगी.
ये हमें वातावरण की हानिकारक और नकारात्मक ऊर्जा से भी सुरक्षित करती है। How to Cleanse Your Aura नयी अवधारणा के अनुसार हमारा औरा एक तरह की magnetic vibration energy का घेरा है जो हमारी बॉडी के चारो ओर रहता है। हमारी physical body के चारो ओर की लेयर को ही औरा कहा जाता है. समय समय पर foreign vibrations and negative energies से बचने के लिए की जाने वाली cleansing process
बेहद जरुरी है. Cleansing your aura energy field के लिए दो मेथड काम में लिए जा सकते है।
1- पहला है physical और
2- दूसरा है mental.
इन तरीको में ही हम मानव औरा पृथ्वी के बाह्य आवरण जैसा ही है : जैसे हमारे पृथ्वी के चारो ओर का आवरण पृथ्वी को बाह्य विकिरण और उल्काओ से बचाता है वैसे ही औरा क्षेत्र हमें बीमार होने से बचाता है. देखने में आया है की जिनकी सोच जिंदगी में सकारात्मक होती है उनका औरा क्षेत्र और मिलने वाली कॉस्मिक ऊर्जा घनीभूत होती है।
मानव मस्तिष्क और दिल के आपस में मिलकर काम करने से कैसे हम जिंदगी में अनुभव कर सकते है। तो अब आप जान चुके है की कैसे हमारा मस्तिष्क और ह्रदय दोनों मिल कर काम करते है, कैसे ऊर्जा का और औरा का निर्माण होता है. कैसे ये हमें रोगों से बचाता है और जिंदगी में सकारात्मक अनुभव करवाता है. आप control aura field के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए औरा विज्ञान से जुडी निम्न पोस्ट भी पढ़ सकते है.
आभामंडल विज्ञान मंत्र द्वारा पास-मार्जन क्रिया औरा को घनीभूत करने के उपाय How to clean your aura?
औरा क्षेत्र में संतुलन और असंतुलन की स्थिति बन जाने पर थेरैपी ली जाती है.
इसका उदेश्य The Vibrational Energies around Your Body को उसी तरह balance करना है जैसे की दवा किसी रोग को ठीक करती है. कई बार ऐसा होता है की रोग दवा से ठीक नहीं होता है उसके लिए आपको प्राथना करनी पड़ती है. ये एक Ways to clear negative energies की तरह काम करता है. आपका औरा क्षेत्र भौतिक शरीर के चारो ओर एक magnetic picking up vibrational energies की तरह काम करता है. आपके स्वास्थ्य के लिए इसे foreign vibrations and negative energies से दूर रखना बेहद जरुरी है। इसके लिए aura cleansing process की जाती है.
आपका मूड बदलना ऐसे ही नहीं है क्यों की औरा आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है. औरा क्षेत्र को साफ करने के लिए mental and physical way to cleansing your aura काम में लिए जा सकते है.
human energy field and Mental Cleansing औरा क्षेत्र की सफाई के सबसे बढ़िया तरीके में से एक है visualize it and mentally rid yourself of the negativity that may be swirling around you.
इसके लिए आपको 15 मिनट का समय निकालना होगा। मेंटल लेवल पर औरा क्षेत्र की सफाई के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करे।
आरामदायक स्थिति में बैठ जाइये जा सो सकते है. खुद को पूरी तरह रिलैक्स कर ले और अपना पूरा ध्यान सांसो के आने और जाने पर लगा ले.
इसके लिये आप शिव मंत्र का जाप करना ही चाहिये।
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